फूल तोडना नैतिक अपराध है

                      

फूल तोडना नैतिक अपराध है

कल सुबह मेरी आंख थोड़ी जल्दी खुल गयी | खिड़की खोलकर देखा तो एक बुजुर्ग मेरे गमलों से फूल तोड़ रहे थे |मुझे फूल तोडना पसंद नहीं इसीलिए मैं चिल्लाया “ ये क्या कर रहे हो? क्या तुम्हे इतनी भी तमीज़ नहीं है कि फूल तोडना बुरी बात है “| वो बुजुर्ग कहने लगा कि भगवान के लिए तोड़ रहा हूँ | मैं दिनभर सोचता रहा कि क्या भगवान को इसे रोज सुबह टूटे हुए फूलों से घिर जाना अच्छा लगता होगा ?.. शायद नहीं , पक्का नहीं |फूल तोडना नैतिक अपराध है |

१ .पाखंडी दुनिया :

ये दुनिया नकाब लगा कर घूमती है | पेड़ पर सजे फूल ये तोड़ देते है भगवान पर , मजार पर या किसी भी बहाने | फिर उन फूलों को ये नदी , तालाब में फेंक कर पानी के स्त्रोत गंदे करते है |ये पाखंडी दुनिया है |

२. परागकण और विकास :

फूल पौधों के बीज अपने भीतर समेटे रहते है फिर या तो ये फल बन जाते है या किसी तितली , मक्खी या प्रकृति के किसी भी उपाय से ये अपने बीज दूर-२ तक पहुंचा देते है | फूल मजबूत आत्माएं है जो सुगंध और सुन्दरता बिखेरते रहते है |

३. फूल , कीड़े और इन्सान :

यदि फूल न होते तो कीड़े इन्सान को खा जाते | दरअसल हमारी दुनिया परजीवी कीड़ों और जीवाणुओं से भरी है| फूल उन्हें आकर्षित करते है और फूलों पर जीवित रहने के कारण ये मनुष्य पर ज्यादा आक्रमण नहीं करते | फूल बलिदान देते हैं और मनुष्य उन्हें तोड़कर नदी में फेंक देते है|

४. फूल और शहद :

शहद जीवन का सबसे बेहतरीन औषधि है | तितलियाँ और मधुमक्खी फूलों से रस को पीकर जीवित रहते है | फुल कोई बेकार सी सुन्दर चीज़ नहीं है |

५. गौरैया वापस आओ :

पहले हमारे घर में एक छोटी चिड़िया रहती थी | मेरा बचपन गौरैया को फुदकते हुए देखते बीता | गौरैया और गिलहरी मेरे बचपन के पहले दोस्त थे |पर अब पता नहीं वो छोटे चिड़िया कहाँ गायब हो गयी |

६.शिकारी का शिकार :

गौरैया जंगल में नहीं रहती |गौरैया को मनुष्य के साथ रहना पसंद है |वह अधिकतर अनाज और कीड़े खाती है | मनुष्य का भोजन गौरैया को बहुत भाता है | सबसे पहले उत्तरी अमेरिका में गौरैया ने अपना घर बनाया | वहां से न्यूजीलैंड , अफ्रीका आस्ट्रेलिया , कनाडा अफ्रीका होते हुए वो मेरे घर तक पहुँच गयी | उसने मेरे घर की दीवार के कोने में अपना घोसला बना लिया | गौरैया बाकी चिड़ियों को भगा देती है और अपना इलाका बना लेती हैं |पर गौरैया का अंडा खाने के लिए सांप खासकर घोडापछाड़ हमारे घरों में भी घुस आते हैं |

७. थोड़ी जानकारी :

गौरैया पेड़ पर घोंसला नहीं बनाती | पका खाना खाती है |गौरैया सिर्फ तीन वर्ष जीवित रह पाती है |और आहार श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण योगदान निभाती है | हमें इस घरेलु चिड़िया को बचने के लिए कुछ उपाय करने होंगे |

८. फूल तोड़ना नैतिक अपराध :

तो फिर भगवान के लिए हो या मजार या फिर तुम्हारे सुन्दरता का बलात्कार करने का कोई भी औजार| तुम्हे फुल तोड़ने की स्वतंत्रता नहीं होती | फूल तोडना एक नैतिक अपराध है | आइये पहल करें और जीवन को फूलों जैसा सुन्दर बनायें |

Article By : Shri Rajiv Saxena

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