अल्कोहल- क्या स्वर्ग यहीं है?

जार्ज बर्नार्ड शॉ ने कहा है- अल्कोहल एनेस्थीसिया है। वही एनेस्थीसिया जिससे जीवन के आपरेशन को सहन किया जाता है।
1 नशा खतरनाक क्यों है?
दरअसल हर मनुष्य जीवन के सच से दूर भागना चाहता है। जिम्मेदारियां लेने से बचने की तमाम कोशिशें करता है, उनसे दूर भागता है। अल्कोहल या कोई भी नशा जीवन से बचने की, उसके सच से दूर जाने की एक कोशिश मात्र है। नशा ठीक वैसे ही है, जिस प्रकार हम आंखें बंद किये हुए नकारात्मक भावनाओं और परिस्थितियों से दूर भागते हुए शुतुरमुर्ग हों, जो रेत में मुंह छुपाकर सोचते हैं कि भेड़िया उनको नहीं देख पाएगा।
नशा बहुत खराब होता है क्योंकि यह हमारी सोच और दृढ़ इच्छा शक्ति को दीमक की तरह धीरे-धीरे खत्म कर डालता है।
2 लोग नशे की शरण में क्यों जाते हैं?
जीवन बहुत मुश्किल है और कमजोर दिमाग वालों के लिए तो यह और भी मुश्किल है। मजबूत दिमाग वाले जीवन के गड्ढांे को सरलता से पार कर जाते हैं परन्तु भावनाओं पर उनका भी बस नहीं चलता। समस्या कोई भी हो, परिवार की, प्यार की, नकारात्मक अनुभव की या इच्छाओं के दमन की, कमजोर दिमाग वाले लोग जीवन की समस्याओं से बचने का बहाना ढूंढ़ते हैं।
अल्कोहल एक सस्ता साधन है जिसे अपनाकर जीवन की सच्चाइयों से दूर जाना बहुत सरल है।
3 कम्फर्ट जोन में रहने की आदत आपके उद्यमी व्यवहार के लिए घातक है।
जीवन हमारे लिए एक प्रयोगशाला है। परेशानियां वो कारण हैं जिनके कारण हम अपग्रेड होते रहते हैं, समस्याओं का समाधान करने से हमारी क्षमताएं बढ़ती हैं। परन्तु मनुष्य बहाने ढं़ूढ़ता है।
जीन काक्ट्यू कहते हैं- ‘‘मनुष्य बचना चाहता है, भागना चाहता है।’’ किसी भ्रांति के साथ या किसी झूठे साधन के जरिये-ड्रग्स, अल्कोहल या कोई झूठ। अपने आप को समस्या से निकालना उन्हें मुश्किल लगता है। वो अपने जीवन में समस्या निर्मित कर लेता है। झूठ या नशा उसे कुछ समय का आराम दे जाता है।
4 नशे की लत-जुड़ी हुई समस्याएं
दुनिया में आत्महत्या करने का सबसे बड़ा कारण है डिप्रेशन। नशा/अल्कोहल से मेनिया या डिप्रेशन बढ़ता है। मूड स्ंिवग्स या मन का अस्थिर होना, मन को पेंडुलम की तरह धक्के मरवाता है तो दूसरी ओर चेतना भी सुप्तावस्था में जाकर सो जाने में ही अपनी खैरियत समझती है।
जो लोग नशे की लत में पड़ जाते हैं, वो अपना अस्तित्व, जीवन का मूल्य छोड़कर अपना एवं अपने अपनों का जीवन नर्क से भी बदतर बना लेते हैं और खुद की भी हालत गिराते जाते हैं।
5 कितना अल्कोहल?
वैज्ञानिक कहते हैं कि अल्कोहल या नशा एक निश्चित सीमा में लेना हमेशा ही फायदेमंद रहता है। यदि पुरुष दो पैग और महिला एक पैग ले, तो उनका स्वस्थ बने रहना निश्चित है। या कह सकते हैं कि बेहतर स्वास्थ्य के लिए पुरुष के लिए दो पैग और महिलाओं के लिए एक पैग की सीमा पार करना सही नहीं होता है। निर्धारित सीमा से आगे यदि अल्कोहल लिया गया तो यह जहर के समान काम करेगा। महान चाणक्य ने भी कहा है-‘‘किसी भी चीज की अति खराब है।’’
6 अल्कोहल की लत कैसे छोड़े ?
अपने आप से प्यार करें। जीवन सिर्फ एक बार ही मिला है। किसी भी तरह की लत आपकी ताकत को या जीवन जीने की आपकी क्षमताओं को कमजोर कर देती है। ध्यान करना भी एक अच्छा साधन है। अपने परिवार के लोगों या मित्रों से बात करें। अपने शौक को जिंदा रखें। नई क्षमताएं बढ़ाने के लिए प्रयास करें। अल्कोहल कहता है-‘‘मुझ पर विश्वास करो और सबसे दूर हो जाओ।’’पर आप तो समझदार हो। जरा ध्यान दो। क्या आप सबसे दूर होना चाहते हो?
अल्कोहल शादी, परिवार, कैरियर और खुद के विकास पर भी नकारात्मक असर डालता है। मित्रों और परिवार के लोग नशे में डूबे व्यक्ति के कारण बहुत कष्ट झेलते हैं। अल्कोहल दैवीय नही है। इसमें कोई स्वर्ग नही है। ऐसी कोई चीज मत खरीदो जो तुम्हारी खुशियों को ही खत्म कर दे। जीवन सीमित समय है। सोच लो कि तुम्हें क्या चाहिए?

अनुवादक-पूर्णिमा दुबे
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