सिमवन सिग्नोरेट ने कहा है-‘‘एक जंजीर से किसी शादी को लंबे समय तक बांधकर नहीं रखा जा सकता। यह रिश्ता तो कई छोटे धागों से बुना बंधन है जिसे लोग कई वर्षाें तक बुनते रहते हैं।’’
1 शादी टूटने की वजह क्या है?
शादी का रिश्ता बिलकुल जलवायु और जमीन के समान है जहां कई तरह के गणित के क्रमचय संचय समीकरण लागू होते हैं। कई बार रिश्तों में दरार या धब्बे पड़ जाते हैं। एक गलत धारणा या एक गलत शब्द, गलतफहमी या घमंड से भरे शब्द और उनसे गुंथे विचार या इनमें से कोई भी, कारण बनकर रिश्ते में नकारात्मकता ला देता है। कई बार देखने में आया है कि जीवनसाथी का कमजोर स्वास्थ्य या गुस्सा/क्रोध रिश्ते में दरार ला देता है। हठधर्मिता, जलन/ईर्ष्या, बातचीत का अभाव या दो लोगों के बीच किसी तीसरे व्यक्ति की मौजूदगी के कारण शादी के रिश्ते में कांटे उगने लगतेे हैं जो धीरे-धीरे शादी के गुलाब से भरे सुगंधित रिश्ते को उजाड़ कर रख देते हैं।
2 शादी जोड़े रखने का कोई उपाय?
टूट रहे शादी के बंधन को जोड़े रखने का उपाय और वो भी दमदार उपाय है-सबसे पहले रिश्ते में दरार आने की वजह को मालूम करना। इसके बाद ही समाधान या उपाय तलाशा जा सकता है। जीवन के प्रति उत्साह बढ़ाने वाले शब्द, मित्रवत् व्यवहार, ईमानदार कोशिश के जरिये नये रिश्ते की नींव रखी जा सकती है। प्यार से गुंथे धागे, समझदारी, एक बेहतरीन आइडिया, देखभाल के जरिये रिश्ते का नये स्वरुप में पोषण किया जा सकता है। भावनाओं के धागों के साथ एक बार फिर से इन्हें बुना जा सकता है। मजबूत रिश्ते बनाने के लिए खुद को डुबाना पड़ता है। किसी भी रिश्ते की मजबूती का आधार है खुला दिमाग। खुलेपन के साथ रिश्ते निभाना आसान हो जाता है।
3 बिगड़ते रिश्तों के लक्षण
बिगड़ते रिश्तों की पहचान है भला-बुरा कहना या नकारात्मक शब्दों का इस्तेमाल या बड़बड़ाना। यदि जीवनसाथी बातचीत करने में शर्माता है तो ये भी एक लक्षण है। जब आकर्षण या प्रेम रिश्तों के बीच से गायब होने लगे, प्रेम के व्यवहार की नदी सूखने लगे, खुद को जिताने और जीवनसाथी को हराने की शुरुआत होने लगे तो रिश्ते बिगड़ने लगते हैं। जब जीवनसाथी बिलकुल उल्टा व्यवहार करने लगे या अपने साथी को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करे तब समझ लें कि रिश्तों की मिठास खत्म हो चुकी है। यह मिठास वही तत्व है जो रिश्ते की जान भी होती है। रिश्ते में दरार आने की एक वजह नाजायज संबंध भी होते हैं। यह भी एक बहुत बड़ी वजह है रिश्ते या परिवार के बिखरने की।
4 क्या असरकारी है रिश्ते निभाने में?
व्यक्तित्व रिश्तों पर बड़ा प्रभाव डालता है। शिक्षा का स्तर, प्रशिक्षण अनुभव और जीवन के संघर्ष पूरे व्यक्तित्व को बदल डालते हैं। नैतिक मूल्य, धार्मिक विश्वास, पालन-पोषण का तरीका, ये ऐसे कारण हैं जो रिश्तों और विशेषतौर पर शादी निभाने में बेहर असरकारी होते हैं।
5 बिगड़ते रिश्तों को कैसे संभालें?
अपनी संरचना या मापदंडों का आंकलन स्वयं करंे और फिर निर्णय लें कि आप रिश्ते से क्या चाहते हो? फ्रेडरिक नीत्शे कहते हैं-‘‘रिश्ते टूटने की या बिखरने की वजह प्यार की कमी नहीं बल्कि दोस्ती की कमी होती है।’’ इसी वजह से खुशहाल वैवाहिक जीवन दुखों से भर जाता है। खुद को दर्पण के सामने खड़ा करें और एक अच्छे दोस्त को देने वाली मुस्कान के साथ पूछें-क्या आप यही सब करने के लिए पैदा हुए हैं?