‘‘प्रेम एक मित्रता है जिसने आग पकड़ ली है। है। अन्ना लेंडर कहती हैं- प्रेम पूरी तरह समझ, आपसी विश्वास, साझेदारी और माफ कर देना है।’’ यह बुरे और अच्छे दौर में विश्वसनीयता की परख है।
1 प्रेम कब होता है?
जब आप किसी को सबसे ज्यादा प्राथमिकता देते हो तब आप उसे प्रेम करते हो। रवीन्द्र नाथ टैगोर कहते हैं-‘‘प्रेम अधिकार का दावा नहीं करता पर हां आजादी जरुर देता है।’’यह आप तभी समझ सकते हो, जब आप प्रेम करते हो। जीवन को प्रेम समझना आता है। महान रूमी कहते हैं- ‘‘रहस्यमयी आसमान में उड़ना ही प्रेम है। हर क्षण सैकड़ों लाज के घूंघट गिर जाने दो, पहले जीवन गुजर जाने दो और फिर बगैर पैरों से, चल दो।’’ प्रेम चेतना का आत्यंतिक भाव है।
एच जेक्सन जे आर कहते हैं- ‘‘प्रेम तब होता है जब किसी दूसरे की खुशियों का महत्व आपकी अपनी खुशियों से कहीं ज्यादा हो जाता है।’’
2 किससे प्रेम करें?
प्रत्येक व्यक्ति प्यार की अनुभूति अलग-अलग तरह से महसूस करता है। जार्ज बर्नाड शॉ कहते हैं-‘‘भोजन से प्रेम, जितना गंभीर प्रेम तो किसी और से हो ही नही सकता।’’ मैं इस बात से पूरी तरह सहमत हूं। ‘‘जब मेरे चेहरे को छूकर ताजा हवा गुजरती है और मेरे बालों को उड़ाती है तब मुझे बहुत अच्छा लगता है’’- एवेल नाइवेल कहते हैं। गौतम बु़द्ध कहते हैं-पूरे विश्व में तुम्हें तुम्हारे प्रेम और समर्पण की जितनी ज्यादा जरुरत है, उतनी और किसी को नहीं।
3 दिल टूटता क्यों है?
माया एन्ग्लू कहती हैं- प्यार बंदिशें नही स्वीकारता। ये उम्मीदों से भरी मंजिलों को पाने के लिए मुश्किलों को पार करता है, बागड़ को लांघता है, दीवालों को बेधता है।….हमें अपने प्रेम को ऊचाइयों तक ले जाने के लिए मुश्किलों और बाधाओं को पार करने की जरुरत है।
4 गलतफहमियां- कौन है जिम्मेदार?
महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइन्सटाइन कहते हैं-‘‘प्रेम में पड़ने के लिए गुरुत्वाकर्षण जिम्मेदार बिलकुल नही है।’’ना ही गलतफहमियों के लिए जल प्रदूषण जिम्मेदार है। योको यूनो कहते हैं- ‘‘मेरे जीवन में यही पश्चाताप है कि मैंने अपना प्रेम छिपाकर रखा।’’
5 प्रेम में क्या न करें?
भावनाओं को चोट न पहुंचायें। अपनी मर्यादा पार न करें। प्रेम बहुत नाजुक चीज है। मेरीयोतेगु कहते हैं-‘‘जब आप परेशान हो रहे हो, ईर्ष्यालु हो रहे हो या प्रेम में हो, तब कोई निर्णय मत करो।’’ एक गलत निर्णय बड़ा नुकसान कर डालता है। खलील गिबरान कहते हैं- प्रेम का महत्व तब तक किसी को भी नहीं समझ आता, जब तक कि वो अपने प्रेम से दूर न हो जाए।
6 प्रेम के लिए सुझाव
कन्फ्यूशियस कहते हैं-‘‘वो करो जो करने में मजा आता हो और तुम्हें कभी कुछ काम करना ही नहीं पड़ेगा।’’ महान शब्दों का वर्णन करने की जरुरत नहीं पड़ती। यूरीपेड्स कहते हैं-‘‘दोस्त अपना प्रेम परेशानियों के समय दिखाते हैं, खुशियों के समय नहीं।’’ पर प्रेम को पकड़ो मत क्योंकि यह दिमाग को धोखा दे देता है। खलील गिबरान कहते हैं-‘‘यदि तुम किसी से प्रेम करते हो तो उसे आजाद छोड़ दो। यदि वो तुम्हारे पास वापस आ जाए तो तुम्हारा है और यदि न आए तो वो तुम्हारा कभी था ही नही।’’
प्रेम ही जीवन है और जीवन ही प्रेम है। माता-पिता का प्रेम, जीवनसाथी का प्रेम, बच्चों का प्रेम, नौकरी में सहयोगियों से प्रेम, किसी काम के होने या करने से प्रेम- प्रेम के कई सारे आयाम हैं। शेक्सपियर अपने दर्शकों से कहते हैं-‘‘यदि संगीत आत्मा या प्रेम का गीत है तो इसे बजने दो।’’
अनुवादक-पूर्णिमा दुबे
100counsellors.comEditor Panel