पदार्थ कभी नष्ट नहीं होता। एक जिस्म की मौत एक इंसान की मौत नहीं होती। हमें जीवन से जो मिलता है, हम वो जीवन को सौंपकर वापस चले जाते हैं। यही मृत्यु है।
1 क्या मृत्यु सब छीन लेगी?
हमने सब कुछ यहीं आकर पाया हैै। पाने के बाद हमें लगने लगा कि हमने ही पैदा किया है और वो हमेशा हमारा ही रहेगा। हम मोह और माया के अज्ञान में यह भूल जाते हैं कि हम जीवन की उपलब्धि थे। जीवन ने हमें पाया था। पदार्थ सब यहीं रह जाता है। नार्मन कजिन्स कहते हैं-‘‘मृत्यु जीवन का सबसे बड़ा नुकसान नही। जीवन का सबसे बड़ा नुकसान है, जब हम जीते जी मर गये।’’
2 जीवन में क्या कमाया?
सोना, चांदी, हीरा, मोती, ऐशो-आराम, स्वास्थ्य, प्रेम, ज्ञान और बहुत कुछ है कमाने के लिए। पर ‘‘जब हम एक दूसरे के लिए प्रेम और आत्म सम्मान खो देते हैं, माया एंजिलो, कहती हैं- तो हमारे भीतर कुछ हमेशा के लिए मर जाता है।’’
3 यादें
म्ृात्यु यादें छोड़ जाती है। वो यादें जो हम जीवित रहते हुये बनाते हैं। फिर भी लोग मृत्यु से डरते हैं क्योंकि वो जीवन से प्रेम नहीं कर पाते हैं। वो कड़वी यादें बनाते हैं और जीवन का कड़वापन उनकी आत्मा में भर जाता है। मार्क ट्वेन के अनुसार ‘‘एक व्यक्ति जो दिल से जिया है, कभी भी मरने के लिए तैयार रहता है।’’
4 जीवन का क्या करें?
सपने देखें और उन्हें पूरा करें। खुश रहें। नये हुनर सीखें। दूसरों का सहयोग करें। अपने जीवन की कहानी विकसित करें। अपनी पटकथा पर काम करें। और अपने दोस्तों और आत्मजनों का सम्मान करें। ब्रायल क्लाव कहते हैं-‘‘मेरे मरने के बाद मेरे लिये फूलों का गुलदस्ता मत भेजना। यदि तुम मुझे प्रेम करते हो तो अभी आओ जब मैं जीवित हूं।’’ मृत्यु के आने के पहले जीवन का आनंद लें।
5 मृत्यु और सन्नाटा
हमें आवाजों की आदत पड़ गयी है। हमारे आसपास का शोर अब हमारे भीतर भी लगातार बजता रहता है। हमें सन्नाटे से डर लगने लगा है। मृत्यु भी गहरे सन्नाटे का एक प्रतिबिंब है। जीवन और मृत्यु मंे कोई भेद नही। खलिल गिबरान के अनुसार ‘‘नदी ही समुंदर है और समुंदर ही नदी। जैसे जीवन और मृत्यु दोनों एक।’’
6 मरने से पहले
मरने से पहले मुझे ये पता लगा लेना चाहिये कि मैं क्यों पैदा हुआ था? एक जिस्म दुबारा मिल जाएगा, पर आत्मा की बैचेनी तब तक बनी रहेगी जब तक वो अपने जन्म का उद्देश्य पूर्ण न कर ले। मरने से पहले जीवन के उद्देश्य समझ लेने चाहिये क्योंकि मृत्यु और जीवन दोनोें एक मौका हैं। जो बगैर प्रयास किये कुछ नहीं देते।
गप्पू चतुर्वेदी
100counsellors.comEditor Panel