आत्मा के रंग, होली के संग

1 आत्मा और होली

प््राकृति हमेशा आत्मा के रंग ओढ़कर आपके पास आती है। और होली के समय ये रंग पलाश और केसर के साथ भीगी फुहारों में हमारे चेहरे और शरीर को रंग देते हैं। शायद इस बेरंग या बदरंग दुनिया में त्यौहार के सिवाय उत्सव मनाने का और कोई साधन नहीं है। आप सभी को होली की शुभकामनाएं।

2 मुस्कुराती होली, झिलमिलाते रंग

ली हंट कहते हैं कि रंग प्रकृति की मुस्कुराहट है और वो विभिन्न रंगों में मुस्कुराती है। भावनाओं और संवेदनाओं की बदलाहट के साथ मुस्कुराहट भी बदल जाती है और प्रकृति भी। तो इस जीवन को रंगों के साथ कैसे जियें ये हमें होली सिखाती है। सारे रंग एक दूसरे के पड़ोसी हैं। और मिलकर ही ये झिलमिलाते हैं। ये रंगीन दुनिया है हमें जीवन के रंग समझने पड़ेंगे।

3 मेरे रंग की होली

जीवन सफेद चमकदार है और मौत काली अंधेरी, जोश गुलाबी और उर्जा लाल, प्रकृति हरी है, पहाड़ पथरीले। जीवन जाने कितने रंगों से बना है? पर मैं किस रंग का हूं और कौन से रंग मुझ पर फबते हैं। और कौन से रंग मेरे होने का मूल्य कम कर देते हैं? सौंदर्यशास्त्र यही सिखाता है । हमें जीवन का सौंदर्य बनाये रखना चाहिये।

4 अंतरंग आनंद की होली

चिड़चिड़ाहट के रंग उत्सव का मूल्य कम कर देते हैं। और मुस्कुराहट के रंग जीवन को उत्सव बना देते हैं। क्रोध के रंग अधिकतर लोगों पर अच्छे नहीं लगते और प्रेम के रंग लगभग सभी पर जंचते हैं। जीवन आनंद है। शादी हो या मुंडन, दीवाली हो या ईद सबके अपने रंग हैं और होली अंतरंग है। भीतर के रंग से ही कोई होली खेल सकता है। जीवन से उदास लोग होली नहीं मनाते। पर हमें होली मनाना आना चाहिये। क्योंकि ये जीवन उत्सव है जो थोड़े समय चल रहा है। और यदि हमने इस मेले का आनंद नहीं लिया तो हम ही बेकार चले जाएंगे। क्योंकि जिं़दगी के मेले चलते रहेंगे।

आप सभी और आपके परिवार को www.100counsellors.com की तरफ से होली की ढेर सारी शुभकामनाएं।

Gappu Chaturvedi
Editor Panel
100counsellors.com

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