डिप्रेशन या अवसाद : जीवन में दोबारा खुशियां कैसे आएं?

‘‘खुशियों का नीलकंठ’।
1 डिप्रेशन/अवसाद क्या है?
डिप्रेशन या अवसाद एक मानसिक या मन की समस्या है। यह शरीर की अवस्था या उसका एक परिणाम होता है। इसकी शुरुआत आत्मा में निराशा का भाव आने से होती है। यदि किसी को अवसाद ने घेर लिया है तो यह समय व्यक्ति के जीवन के लिए बहुत बुरा समय होता है। शरीर में अवसाद के कारण ऐसे हार्मोन का स्त्राव होने लगता है जो उनका संतुलन बिगाड़ देता है और जीवन जीते जी नरक बन जाता है।
2 डिप्रेशन कैसे काम करता है?
कुछ लोग निराशा और नकारे जाने के दुख में दुखी रहते हैं। भय, चिंता या खालीपन का अहसास आत्मा पर दबाव डालता है और उसे कमजोर महसूस करवाने लगता है। डिप्रेशन या अवसाद बिना कारण का दुख है। थकानए अनिद्रा, बैचैनी, सरदर्द, वजन का बढ़ना, वजन का कम होना, दुखी रहना, बेचारगी का भाव, भूख खत्म होना ये सभी डिप्रेशन के लक्षण हैं।
जेनेट फिच कहते हैं-‘‘अवसाद और क्रोध सामान्य मानवीय जीवन का एक हिस्सा हैै।’’
एक दोस्त और बतौर सलाहकार हम पूरी तरह सहमत हैं कि हालात या मुश्किलों के सामने हमें झुकना नहीं चाहिये बल्कि डटकर खड़े रहना चाहिये। डिप्रेशन के गुलाम मत बनो। अपने जीवन और जीवन के अस्तित्व को समझने की कोशिश करो। अपनी उर्जा का सही इस्तेमाल करो। अति से ज्यादा सहन मत करो। खुद को समझो और अपने काम करो। तुम सिर्फ दुख मनाने के लिए पैदा नहीं हुए हो।

अनुवादक-पूर्णिमा दुबे
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