हम सब पैदा हुये हैं किसी खोज के लिए। खजाना कहीं दबा पड़ा है, जो इंतजार कर रहा है कि कोई आए और उसे ढ़ूंढ ले और जो ढूंढता है वो पा लेता है। ‘‘जिन खोजा तिन पाइयां।’’
1 क्या खोजें?
इंसान जीवन भर तलाश करता है पर अधिकतर उसे पता ही नहीं होता कि वह क्या खोज रहा है? कोई धन की तलाश में है, कोई ऐश्वर्य चाहता है, किसी की वासनाएं और कामनाएं उसे दौड़ाती रहती हैं, कोई ईश्वर खोज रहा है, कोई ज्ञान। पर नार्मन कज़िन्स के अनुसार ‘‘किसी व्यक्ति की शाश्वत खोज अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए है।’’
2 खोज का विज्ञान
किसी भी तथ्य को परिकल्पनाओं, अन्वेषण और सिद्धांत से होकर गुजरना होता है। उसके बाद ही वह तथ्य सिद्धी प्राप्त करता है। पाने की इच्छा खोज का पहला चरण है। इसके बाद उस खोज के विषय पर प्रयोग करने होते हैं। बहुत सारे विकल्प उत्तर के रुप में हमारे सामने आते हैं। उनमें से सबसे सटीक विकल्प हमारी सफलता होती है। जो एस मेयर के शब्दों में ‘‘हमारे जीवन की महानतम खोज सत्य का अन्वेषण है।’’
3 खोज की चेतना
मन और मस्तिष्क के पहिये पर ही खोज की गाड़ी आगे बढ़ती है। हम माने या न माने, पर हम सब उत्तर पाना चाहते हैं। हम जीवन के सबक सीखते हैं। हम अपने डर और ग्लानि से लगातार भिड़ते रहते हैं। हम प्रेम, ताकत और अर्थ खोजते हैं। हम भय, हानि, समय और प्रेम को समझना चाहते हैं। हम खुद को खोजते हैं और खुशियों की तलाश करते हैं।
4 खोजी
एक मायने मेें हम सब खोजी हैं। हम सब किसी तलाश में हैं। हमें वो पाये बगैर शांति नहीं मिलेगी। हमारे ऋषि मुनि सबसे पहले खोजी थे जो सत्य और आत्मा की खोज करते थे। फिर सामाजिक वैज्ञानिक आये। उन्होंने पदार्थ विज्ञान खोजा और फिर वैज्ञानिकों का नंबर आया जो ज्ञान के सिद्धांत तलाशते हैं। पर कोई भी खोज कुछ उपलब्ध अवश्य कराती है। विलियम आर्थर वर्ड के शब्दों में जब हम, दूसरों में सबसे बेहतर तलाशते हैं तो हमारे भीतर सर्वोत्तम की खोज अपने आप हो जाती है।
5 दार्शनिक खोज
सत्य, ज्ञान, धारणाएं, आत्मा, परमात्मा, जन्म, मृत्यु, शांति, मुक्ति ये सभी दार्शनिक खोज का विषय हैं। चूंकि कुछ भी खोजने के लिए एकाग्रता आवश्यक है, अतः प्राचीन काल में सन्यासी वैज्ञानिक जंगल और गुफाओं में जाकर रहते थे और जीवन पर अपने प्रयोग करते थे। ऐसे ही महान दार्शनिक वैज्ञानिक महात्मा बुद्ध कहते हैं- ‘‘शांति की खोज बाहर मत करो। यह भीतर से आयेगी।’’
6 सफलता की खोज
जोे पाना चाहते हैं उसे पा लेना सफलता है और जो चाहिये उसका ज्ञान सफलता के रास्ते में हमारा पहला कदम है। लोग झगड़कर छीन लेना चाहते हैं जबकि सफलता पर कब्जा नहीं किया जा सकता। जीवन एक युद्ध का मैदान है जिसमें हवाएं लगातार दिशाएं बदलती रहती हैं। कोई भी एक तरीका सफलता के लिए पैमाना नहीं हो सकता। एक महान रणनीतिक वैज्ञानिक सन त्जु़ कहते हैं-जीतने वाले योद्धा पहले जीत जाते हैं और फिर वे युद्ध के मैदान में जाते हैं। जबकि साधारण लोग पहले इच्छा करते हैं और फिर उसे पाने के लिए संघर्ष।
जीवन भी कुछ खोज रहा है। तारे लगातार हमसे दूर जा रहे हैं ब्रहमांड का विस्तार लगातार चल रहा है। शायद ईश्वर भी खोज रहा है। पर वही पायेगा जो गहरे जाएगा। संत कबीर के शब्दों में ‘‘जिन खोजा तिन पाइयां, गहरे पानी पैठ।’’
गप्पू चतुर्वेदी
100counsellors.comEditor Panel