मुझे बताओ क्यों?

आपने जन्म क्यों लिया है? आप किस कार्य के लिए पैदा किये गये हो? क्या आपने कभी यह सवाल खुद से किया है? आप बताइये कि लोग रोते क्यों है और उनकी मृत्यु क्यों हो जाती है? आप बताइये कि जीवन की खुशियों का खजाना कहां है? आप बताइये कि लोग एक-दूसरे को समझते क्यों नहीं हैं? बताइये कि दिल क्यों टूट जाते हैं? बताइये सूखे खेत पानी की बूंदों को क्यों तरसते हैं और कहीं इतनी जल प्रलय क्यों आ जाती है? यदि कोई नियम है तो नजर क्यों नहीं आता? सृष्टि और ब्रहमांड में हर जगह अनुशासन है तो बताइये मानवजाति क्या एक दूरगामी व्यवस्था बन पायेगी? बताइये हमने सोचना क्यों छोड़ दिया। और छोटे बच्चों का बचपन छीनने वाले हम कौन थे?
बताइये कि क्यों शिक्षा जीवन की बुनियादी जरुरतों को पूरा नहीं कर पाती? बताइये क्यों लोग चाहते तो हैं प्यार और देखभाल पर भागते हैं पैसों के पीछे। बताइये क्यों समाज रिश्तों में पड़ी दरारे नहीं खत्म कर पाता? बताइये विज्ञान की तरक्की अब तक मानव जाति को भूख और शोषण से आजादी क्यों नही दिला पायी? क्या कोई ईश्वर है? आप बताइये कि ईश्वर ने यह संसार क्यों बनाया जबकि इस पर ध्यान देने के लिए उसके पास समय ही नहीं था। मुझे बताइये ऐसा क्यों?
यदि आपके पास इन प्रश्नों के उत्तर हों तो हम तक जरुर भिजवायें। उचित उत्तरों को प्लेटफार्म के ब्लाग में सम्मिलित किया जाएगा।

अनुवादक-पूर्णिमा दुबे
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