समय और शिक्षक दोनों सिखाते हैं। जो लोग शिक्षक से नहीं सीख पाते, उन्हें अनदेखा करते हैं, वो समय से सीखते हैं। शिक्षक और समय का सिखाने का तरीका थोड़ा अलग-अलग है। शिक्षक पहले सिखाते हैं और न सीखने पर थोड़ा बहुत सजा देतेे हैं। न सीखने पर यही क्रिया दुहराते भी हैं। किंतु समय पहले मारता है और फिर सिखाता है। न सीखने पर सजा देने की प्रक्रिया दुहराता भी है। जिंदगी में हम यह रोजाना देखते हैं। वो बच्चे जो अपने मां बाप का सम्मान नहीं करते, उन्हें बाजार में अपमान झेलना पड़ जाता है। जो पति अपनी पत्नियों का सम्मान नहीं करते, बाजार उन्हें नीचा दिखा देता है। हमें सीखना चाहिए। समय से भी और शिक्षकों से भी। नहीं तो यह प्रक्रिया लगातार चलती रहेगी। तब तक, जब तक जीवन हमारे चित्र को पूरी तरह गढ़ न ले। और फिर हम मुक्त हो जाएंगे। शिक्षक हमें मुक्ति सिखाते हैं, ज्ञान देकर। आज 5 सितम्बर 2017 डॉ राधाकृश्णन के जन्मदिवस पर उन सभी शिक्षकों का अभिनन्दन जिन्होंने शिक्षा के माध्यम से मानवता को मुक्ति का मार्ग दिखाया। शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं |